‘जपमाला’ का अग्रेज़ी शब्द ’रोसरी’ है। यद्यपि कांटेदार है फिर भी सुगन्धित फूलों से युक्त पौधा है, गुलाब। इस प्रकार खुशी दु:ख और महिमा का कर्तव्य निभाये ईश्वर और माता की स्तुति के लिए समर्पित प्रार्थना है, रोसरी।
153 मनके वाले जप नाम भी इसे मिला है। खुशी दु:ख और महिमा वाले तीन भागों में 153 मनकों से जपमाला पूर्ण होती है। आगे चल कर इसे तीन भागों में बाँट कर 53 मनके वाला जप बनाया गया। तीन दिनों में एक जपमाला- प्रार्थना पूरी होती है- हर तिन 53 मनकों का जप पूरा करें, इस प्रकार का क्रमीकरण बनाया है। पवित्र पॉप जॉन पॉल द्वितीय ने में प्रकाश का रहस्य भी जोडा; तब तो इसे 203 मनकों का जप बुलाना है । 2002 अक्टूबर से 2003 अक्टूबर तक जपमाला-वर्ष घोषित करके पोप ने उसमें ’प्रकाश का रहस्य’ जोडा इसके साथ जपमाला की मुख्यता बढी, विश्वासियों के बीच इसका महत्व कई गुना बढ चुका है। आजकल जपमाला बिनती बोलनेवालों की संख्या भी बढी है।
13-वीं सदी में दक्षिणी फ्रान्स और कुछ यूरोपीय राष्ट्रों में प्रचार में आयी आलबिजेन्सियन पाखण्डता के खिलाफ़ सन्त डोमिनिक द्वारा प्रचार में लाया गया भक्ति-मार्ग है, जपमाला बिनती। ईश्वरीय प्रेरणा ओर माता के वरदानों की मदद से सन्त डोमिनिक ने जिस जपमाला को चुन लिया, उस हथियार ने आलबिजेन्सियन पाखण्डता को तोड डाला।
1208 में इस्पानिया के प्रोविन नामक जगह में माता के नाम पर जो मन्दिर होता था, वहाँ कलीसिया के लिए घुटने के बल पर खडे होकर तहे दिल से सन्त डोमिनिक प्रार्थना कर रहे थे, उन्हें ईश्वर- माता ने एक जपमाला दी और आदेश दिया कि रोज़ाना जीवन में जपमाला बिनती किया करें। आगे चल कर पोपों ने जपमाला बिनती को ज्यादा प्रोत्साहन दिया तथा इसके बारे में विश्वपत्र भी निकाले। पोप लियो 13-वें ने जपमाला के बारे में 11 विश्वपत्र लिखे। पोप बेनडिक्ट XV वें तथा पोप पीयूस ४1। -वें ने एक एक विश्वपत्र लिखा पोप जोन 23-वें तथा पॉल छठवें ने दो’-दो लेख लिखे। द्वितीय वेट्टिक्कन विश्वसभा ने भी परंपरागत भक्ति कार्यों में जपमाला को मुख्य स्थान दिया। छोटे हो या बडे, हर कोई सदा हर माहौल में जपमाला प्रार्थना को रट सकते हैं, जो खूबसूरत तथा कृपादायी है।
1974 में मरियभक्ति नामक विश्वपत्र में पोप’ पॉल छठे ने इस प्रकार कहा है, चौथी और पाँचवीं को छोड कर बाकी सुसमाचार के ब्योरे हैं। कर्तृजप को ईसा ने खुद पढाया । प्रणाम भली मरिया वाले जप का प्रथम भाग स्वर्गदूत गब्रियेल तथा सन्त एलिजबेथ के अभिवादन है । पबित्र मरियम, प्रभु की माता ! ये शब्द एफेसी विश्व-
सभा की घोषणा के अनुसार चुने गये हैं। अभी तथा मृत्यु की वेला में प्रभु से प्रार्थना करें – कलीसिया ने केवल इन्हीं शब्दों को ही जोडा .हें ।
पोप आन्ड्रियन ने कहा, “शैतान के विरुद्ध एक चाबुक है, जपमाला ।” जपमाला गले पर धारण करें तथा जपमाला बिनती करें तो उन्हें सशत्त् सुरक्षा, बडी कृपा और चमत्कारी विजय मिलती है । इतिहास ने ऐसे कई साक्ष्य दे दिये हें । 1945 अगस्त 6 वीं को जापान में हुए अणुबम के विस्फोट से जब हजारों की तादाद में लोंग मर गये, तब जिन्होंने जपमाला का धारण किया था, वे फा. हेरबेर्ट सिफियर और चार सहयाजक चमत्कारी ढंग से बच गये, उनको कोई खरोंच तक न रहा । इसी प्रकार 1571 में तुर्की सैनिकों के विरुद्ध ले पान्तो में घमासान लडाई चालू थी, तब पोप पीयूस 5-वें ने लोगों के साथ जपमाला पहन कर जपमाला विनती की, पोप का आदेश पाकर सैनिकों ने भी जपमाला पहनी और रोमी सेनिकों की चमत्कारी जीत हुईं, ऐसा विश्वास किया जाता है। 1716 में हंगरी में राजा यवुजिन ने तुर्कवालों. के विरुद्ध लडाई लडी और जपमाला प्रार्थना क्री शक्ति से युद्ध जीता तो 1716 अक्टूबर 7-वीं को दुनिया भर में जपमाला राणी का पर्व मानने का आदेश दिया । पोप लियो 13-वें नें यह आदेश दिया कि अक्टूबर महीना खास भक्ति के साथ जपमाला बिनती के लिए लगायें । कुँआरी मरियम ने 1818 में लूर्द में तथा 1917 महुँ -13 वीं को फात्तिमा में प्रकट होकर यह आदेश दिया कि अनैतिक जीवन और पाप मार्ग छोड कर दुनिया की रक्षा के लिए जपमाला पर आश्रय रखें । ये बातें हमें मालूम तो है ।
Rosary |
प्रेरिताई कर्तव्य को खूब निभाने वाले पोप जोण पोल द्वितीय प्रेरितों की राणी पवित्र माता के बडे भक्त थे । वे जपमाला बिनती करते थे, इसके बारे में भाषण देते थे, माता मरियम के बारे में कहते थे । अपने से मिलने आये तीर्थयात्रियों के संघ से वे बोले, मुझे सबसे प्यारी प्रार्थना जपमाला बिनती हे । जपमाला के ज़रिए मरियम के ज़रिए ईसा हममें जिन्दा है । व्यक्ति, परिवार, जनता ओंर दुनिया भर को जपमाला में मिला कर हर कोई जपमाला प्रार्थना रटे, यह मेरी कामना हैं । कलीसया के परमाध्यक्ष ने यह हम से कहा है, हमें यह चेतना हो ! ईसा से माता को कोई अलग नहीं कर सकता, यह सच्चाई हर हृदय में गहराई से मुद्रित हे ।. मरियभक्ति में पलें, रोज़ जपमाला बिनती करें, इस प्रार्थना क्रे ज़रिए, पवित्र माता के ज़रिए एकमात्र रक्षक प्रभु ईसा मसीह हमें जो कृपा सुरक्षा तथा चमत्कारी सफलता देते हैं । उन्हें दूसरों के साथ हम बॉट सकें, इसके लिए हम प्रार्थना करें।
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