Sunday Gospel August 16, 2020 20th Sunday in Ordinary Time

वर्ष का 20 वाँ सामान्य रविवार  Sunday Gospel  August 16, 2020 20th Sunday in Ordinary Time

Sunday Gospel August 16, 2020   20th Sunday in Ordinary Time


   

वर्ष का 20 वाँ सामान्य रविवार
पहला पाठ : नबी इसायाह का ग्रन्थ                                 अध्याय 56:1,6-7
दुसरा पाठ : रोंमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र                अध्याय 11:13-15,29-32
सुसमाचार : सन्त मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार                      अध्याय  15:21-28

Sunday Gospel August 16, 2020   20th Sunday in Ordinary Time

  पहला पाठ :
               नबी इसायाह का ग्रन्थ                                                                           अध्याय 56:1,6-7

  प्रभु यह कहता है- “न्याय बनाये रखो- और घर्म का पालन करो; क्योंकि मेरी मुक्ति निकट है और मेरी न्यायप्रियता शीघ्र ही प्रकट हो चाएगी । ”जो विदेशी प्रभु के अनुयायी बन गये है , जिससे वे उसकी मेवा कंरे, वे उसका नाम लेते रहें और उसके भक्त बन जायें और वे सब, जो विश्राम-दिवस मनाते हैं और उसे अपवित्र नहीं करते- मैं उन लोगों को अपने पवित्र पर्वत तक ले जाऊँगा। मैं उन्हें अपने प्रार्थनागृह में आनन्द प्रदान करूँगा। मैं अपनी वेदी पर उनके होम और बलिदान स्वीकार करूँगा; क्योंकि मेरा घर सब राष्ट्रों का प्रार्थनागृह कहलायेगा।”

 दुसरा पाठ : 
                     रोंमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र                                           अध्याय 11:13-15,29-32

    मैं आप गैर-यहूदियों से यह कहता हुँ- ‘में तो गैर-यहुदियों में प्रचार करने भेजा गया और इस धर्मसेवा पर गर्व भी करता हुँ’। किन्तु मैं अपने रक्त-भाइयों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने की और इस प्रकार उन में कुछ लोगों का उद्धार करने की आशा भी रखता हूँ; क्योंकि यदि उनके परित्याग के फलस्वरूप ईश्वर के साथ संसार का मेल हो गया है, तो उनके अंगी- कार का परिणाम मृतकों में से पुनरुत्थान होगा।
   क्योंकि ईश्वर न तो अपने वरदान वापस लेता और न अपना बुलावा रद्द करता है। जिस तरह आप लोग पहले ईश्वर की अवज्ञा करते थे और अब, जब कि वे अवज्ञा करते हैं, आप ईश्वर के कृपापात्र बन गये हैं, उसी तरह अब, जब कि आप ईश्वर के कृपापात्र बन गये हैं, वे ईश्वर की अवज्ञा करते हैं, किन्तु बाद में वे भी दया प्राप्त करेंगें।  ईश्वर ने सबों को अवज्ञा के पाप में फँसने दिया, क्योंकि वह सबों पर दया दिखाना चाहता था।

Sunday Gospel August 16, 2020   20th Sunday in Ordinary Time

सुसमाचार :
                   सन्त मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार                                     अध्याय  15:21-28

   ईसा ने वहाँ से विदा हो कर तीरुस और सिदोन प्रान्तों के लिए प्रस्थान किया। उस प्रदेश की एक कनानी स्त्री आयी और पुकार-पुकार कर कहती रही, “प्रभु ! दाऊद के पुत्र! मुझ पर दया कीजिए। मेरी बेटी एक अपदूत द्वारा बुरी तरह सतायी जा रही है।” ईसा ने उसे उत्तर नहीं दिया । उनके शिष्यों ने पास आ कर उन से यह निवेदन किया, “उसकी बात मान कर उसे विदा कर दीजिए, क्योंकि वह
हमारे पीछे-पीछे चिल्लाती आ रही है”। ईसा ने उत्तर दिया “मैं केवल इस्राएल के घराने की खोयी हुई भेडों के पास भेजा गया हूँ। इतने में उस स्त्री ने आ कर ईसा को दण्डवत् किया और कहा, “प्रभु!  मरी सहायता कीजिए।” ईसा ने उत्तर दिया, “बच्चों की रोटी ले कर पिल्लों के सामने डालना ठीक नहीं है।”उसने कहा, “जी हाँ, प्रभु! फिर भी स्वामी की मेज़ से गिरा हुआ चूर पिल्ले खाते ही है” । इस पर ईसा ने उत्तर दिया “नारी! तुम्हारा विश्वास महान् है। तुम्हारी इच्छा पूरी हो”। और उसी क्षण’ उसकी बेटी अच्छी हो गयी।

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