वर्ष का इक्कीसवाँ रविवार – 21st Sunday in Ordinary Time, Sunday Gospel ।
वर्ष का इक्कीसवाँ रविवार
पहला पाठ : नबी इसायाह का ग्रन्थ अध्याय : 22:19-23
दुसरा पाठ : रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र अध्याय : 11:33-36
सुसमाचार : सन्त मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार अध्याय : 16:13-20
Sunday Gospel | 21st Sunday in Ordinary Time- August 23,2020
पहला पाठ : नबी इसायाह का ग्रन्थ अध्याय : 22:19-23
मैं तुम को तुम्हारे पद से हटाऊँगा, मैं तुम को तुम्हारे स्थान से निकालूँगा। “मैं उस दिन हिजकीया के पुत्र एलियाकीम को बुलाऊँगा। मैं उसे तुम्हारा परिधान और तुम्हारा कमरबन्द पहनाऊँगा। मैं उसे तुम्हारा अधिकार प्रदान करूँगा। वह येरुसालेम के निवासियों का तथा यूदा के घराने का पिता हो जायेगा । मैं दाऊद के घराने की कुंजी उसके कन्धे पर रख दूँगा। यदि वह खोलेगा, तो कोई बन्द नहीँ कर सकेगा। यदि वह बन्द करेगा, तो कोई नहीं खोल सकेगा। मैं उसे खूँटे की तरह एक ठोस जगह पर गाड दूँगा। वह अपने पिता के घर के लिए एक महिमामय सिंहासन बन जायेगा।
दुसरा पाठ : रोमियों के नाम सन्त पौलुस का पत्र अध्याय : 11:33-36
कितना अगाध है ईश्वर का वैभव, प्रज्ञा और ज्ञान ! कितने दुर्बोध हैं उसके निर्णय ! कितने रहस्यमय हैं उसके मार्ग ! प्रभु का मन कौन जान सका? उसका परामर्शदाता कौन हुआ? किसने ईश्वर को कभी कुछ दिया है जो वह बदले में कुछ पाने का दावा कर सके? ईश्वर सब कुछ का मूल कारण, प्रेरणा-सोत तथा लक्ष्य है – उसी को अनन्त काल तकमहिमा!आमेन!
Sunday Gospel | 21st Sunday in Ordinary Time- August 23,2020
सुसमाचार : सन्त मत्ती के अनुसार पवित्र सुसमाचार अध्याय : 16:13-20
तुम पेत्रुस हो । मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा।
ईसा ने कैसरिया फिलिपी प्रदेश पहुँच कर अपने शिष्यों से पूछा, “मानव पुत्र कौन है, इस विषय में लोग क्या कहते है?” उन्होंने उत्तर दिया, “कुछ लोग कहते हैं- योहन बपतिस्ता ; कुछ कहते हैं- एलियस ; और कुछ लोग कहते हैं – येरेमियस अथवा नबियों में से कोई” । इस पर ईसा ने कहा, “और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ?” सिमोन पेत्रुस ने उत्तर दिया, “आप मसीह हैं, आप जीवन्त ईश्वर के पुत्र हैँ“। इस पर ईसा ने उस से कहा, “सिमोन, योनस के पुत्र ! तुम धन्य हो, क्योकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है”। मैं तुम से कहता हूँ कि तुम पेत्रुस अर्थात् चट्टान हो और इस चट्टान पर मैं अपनी कलीसिया बनाऊँगा और अधोलीक के फाटक इसके सामने टिक नहीं पायेंगे। मैं तुम्हें स्वर्गराज्य की कुंजियाँ प्रदान करूँगा। तुम पृथ्वी पर जिसका निषेध करोगे, स्वर्ग में भी उसका निषेध रहेगा और पृथ्वी पर जिसकी अनुमति दोगे, स्वर्ग में भी उसकी अनुमति रहेगी”। इसके बाद ईसा ने अपने शिष्यों को कडी चेतावनी दी कि तुम लोग किसी को भी यह नहीं बताओ कि मैं मसीह हूँ।
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